सहरसा। जिले में 74 वें स्वाधीनता दिवस के जश्न को अपराधियों के दो गुटों के बीच हुई गैंगवार ने काफूर कर दिया। जहां चारों ओर राष्ट्रीय धुन बजनी चाहिए वहां दुकानों के शटर पर डंडे बरसाए जा रहे थे। इस गैंगवार में एक की मौत हो गयी। इससे आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर आगजनी कर दी। बाजार की दुकानों को जबरन बंद करा दिया। ढाई घंटे तक पुलिस प्रशासन जाम छुड़वाने में विफल रहे। बाद में पुलिस कप्तान राकेश कुमार के समझाने और घटना में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद सड़कों पर यातायात बहाल हो पाया।
इस दौरान जाम में डीएम की गाड़ी भी फंसी रही। गैंगवार की घटना महिषी थाना के नाकुचा चौक के पास दिन के ग्यारह बजे की है। कनरिया ओपी के सुखासनी गांव के रहने वाले मृतक अजित यादव को उसके प्रतिद्वंदियों ने सिर में गोली मार दी। जब तक उसे सहरसा के एक निजी नर्सिंग होम में लाया गया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। एसपी राकेश कुमार के अनुसार इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
मृतक का आपराधिक इतिहास रहा है। हिरासत में लिए गए तीनों बटराहा के रहने वाले हैं।जानकारों का कहना है मरने और मारने वाला दोनों सदर थाना के बटराहा इलाके में पिछले लंबे समय से रह रहा था। मगर कुछ दिनों से अजित का सूर्या यादव से विवाद हो गया था।
आज जब पूरा पुलिस प्रशासन आजादी दिवस के जश्न में था तो सूर्या ने इसे सटीक मौका समझ काम तमाम कर दिया। जिले में स्वाधीनता दिवस के दिन इस तरह की पहले कभी घटना नहीं हुई थी। हालांकि लोगों को यह समझ मे नहीं आ रहा था कि जब मृतक भी अपराधी प्रवृति का ही था तो फिर सड़क जाम कर आगजनी करने वालों की इतनी अधिक संख्या कहां से आ गयी। आगजनी करने वाले जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि अगर पुलिस इस मामले में हत्या करने वाले के प्रति सख्त नहीं हुई तो बदले की भावना में बहुत जल्द फिर से किसी की हत्या की घटना सामने आ सकती है। जाम करने वालों का मनोबल किस कदर बढ़ा हुआ था कि उसने सदर एसडीपीओ की बात मानने को कतई तैयार नहीं हुआ। आम जनमानस भी इस हत्या से अचंभित है कि जिले में सक्रिय अपराधी प्रवृति के लोगों पर पुलिस का खौफ नहीं के बराबर रह गया है तभी तो जिस दिन बकरे और मुर्गियों को काटने पर पाबंदी रहती है उस दिन भी आदमी को बिना भय के शूटआउट कर दिया जाता है।