सहरसा। विधानसभा चुनाव में टिकट पाने की उम्मीद लिए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने रांची जा रहे पूर्व जिला पार्षद विजेंद्र यादव की हजारीबाग के बरही में एक सड़क हादसे में मौत हो गयी। उनके साथ रहे पूर्व प्रमुख योगेंद्र राम और एक अन्य सहयोगी छोटेलाल यादव इस एक्सीडेंट में चोटिल हैं। जिनका इलाज हजारीबाग सदर अस्पताल में चल रहा है।
घटना बरही थाना से एक किलोमीटर की दूरी पर शनिवार की मध्य रात्रि बाद करीब तीन बजे घटी। बरही पुलिस के मुताबिक ऑल्टो कार चला रहे विजेंद्र यादव ने सड़क किनारे खड़ी एक गाड़ी में ठोकर मार दी। जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी। बताया जाता है कि साथ चल रहे सहयोगियों ने पूर्व जिला पार्षद से किसी होटल में गाड़ी रोककर कुछ देर आराम कर लेने की सलाह दी। मगर शुरू से ही जिद्दी और खरीखोटी बोलने को विख्यात रहे विजेंद्र यादव ने सहयोगी के सलाह को अनसुना कर दिया। नतीजा ये हुआ विधासभा का टिकट पाने से पहले खुद की जिंदगी की टिकट कटवा बैठे। बरही पुलिस भी इस बात से सहमत थी कि अगर पूर्व पार्षद कुछ देर आराम कर लेते तो ऐसी नौबत नहीं आती। वर्ष 2000 में एक साथ मुखिया और जिला पार्षद का चुनाव जीतने वाले विजेंद्र यादव महिषी विधानसभा से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने की आस लगाए हुए थे। हालांकि इसमें वो सफल हो पाते कि नहीं ये कम ही लोग जान पाते, क्योंकि महिषी विधानसभा से पूर्व मंत्री अब्दुल गफूर के बेटे सबसे बड़े दावेदार बताये जाते हैं। खुद महिषी विधानसभा के बिजलपुर के रहने वाले विजेंद्र यादव मुखिया पद को त्यागकर जिला पार्षद बन लोगों से जुड़े रहे। उनके साथ रहे सौर बाजार प्रखंड के पूर्व प्रमुख योगेंद्र राम इस बार आरक्षित सोनवर्षा विधानसभा से टिकट की उम्मीद लेकर विजेंद्र यादव के साथ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने की तमन्ना लिए रांची जा रहे थे। फिलहाल हजारीबाग सदर अस्पताल में इलाज करा रहे योगेंद्र राम खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। उनके साथ रहे तीसरे व्यक्ति छोटेलाल यादव से मोबाइल पर हुई बातचीत के मुताबिक सुबह की तुलना में दोपहर बाद योगेंद्र राम की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। हालांकि इस आसामयिक घटना से राजद सहित सभी लोग दुखी हैं। खुद विजेंद्र यादव के विरोधी भी उनकी बेबाकी के कायल रहते हैं। राष्ट्रीय जनता दल के जिला युवा अध्यक्ष भरत यादव ने पूर्व पार्षद विजेंद्र यादव की सड़क हादसे में हुई मौत पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि चुनाव से पहले पार्टी का एक समर्पित और जुझारू चेहरा सबों को छोड़ चल बसा।