कानूनी सलाहकार
विधि एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है की विधि की भूल माफ नहीं है प्रत्येक नागरिक को देश की विधि की जानकारी की अपेक्षा की जाती है यह विधि की भूल को अपराधिक दायित्व से बचाव के रूप में स्वीकार किया जाए तो प्रत्येक व्यक्ति बचाव की मांग करेगा कि उसे कानून की जानकारी नहीं है तथा न्यायालय के लिए यह निर्धारित करना कठिन हो जाएगा कि अभियुक्त वास्तव में विवादित मामले से संबंधित विधि की जानकारी थी अथवा नहीं यह स्थिति बहुत ही कठिन है न्यायालय को यह जानकारी कर पाना बहुत ही अधिक व्यापक है कि इस व्यक्ति को विधि की जानकारी थी या नहीं अतः कोई कार्य करते समय भारत के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि वह जानकारी प्राप्त कर ले कि उसके द्वारा किए जाने वाले कार्य किसी प्रचलित विधि के विरुद्ध तो नहीं है यदि वह ऐसा नहीं करता है तो यह उसकी असावधानी होगी जिसके लिए उसे दंड भुगतना होगा भारत के प्रत्येक नागरिक का यह दायित्व है कि उसे विधि की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है