फर्रुखाबाद ब्यूरो चीफ ललित राजपूत की रिपोर्ट
थाना मऊदरवाजा के गांव गुतासी निवासी गीता पत्नी अरुण गंगवार उम्र 30 वर्षीय रात करीब 3.30 बजे खेत में शौच करने गई थी। जब वह काफी देर तक वापस नहीं आईं तो मृतक गीता के परिजनों ने तलाश किया। गीता के परिजन तलाश करते करते दुकान के पीछे पहुंचे तो उन्होंने गीता का लहूलुहान शव देखा सिर में घाव देखकर परिजनों ने समझा कि किसी जंगली जानवर ने हमला किया है। जब परिजनों ने टॉर्च की रोशनी में देखा तब पता चला की गीता के सिर के अलावा सीने में भी गोली का घाव था। घटनास्थल पर 315 बोर के दो कारतूस व गीता का मोबाइल फोन पड़ा था। सूचना मिलने पर अपर पुलिस अधीक्षक सीओ सिटी व फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। और घटना स्थल पर घटना की जांच पड़ताल की। पुलिस ने गीता के शव को कब्जे में लेकर पोस्मार्टम के लिए भेज दिया। उसके बाद पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने भी मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की। पुलिस ने गीता के मोबाइल फोन व कारतूसों को कब्जे में लिया। और पुलिस ने अरुन व उसके बेटे आर्यन उम्र 16 वर्ष को थाने ले गई। पुलिस को गीता के पति अरुण गंगवार व उसके बेटे पर उसकी हत्या करने अथवा कराए जाने का संदेह है। पुलिस का मानना है कि गीता की हत्या कहीं और की गई है और शव को यहां लाकर डाला गया है। अरुण गंगवार की गांव के बाहर मुख्य मार्ग के पास किनारे पर कई दुकानें हैं। इन दुकानों के पीछे ही गीता का शव पड़ा था। अरुण के पिता सतीश व मां दुकानों के ऊपर बने मकान में रहते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वर्षों पूर्व सतीश के परिजनों ने गांव के जगराम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा किया था।
प्रयास करके जगराम ने अपनी जगह वापस ले ली। गीता की मौत के मामले में जगराम के बेटे आलोक सत्येंद्र एवं शैलेंद्र का नाम लिया गया है। गीता कोतवाली कायमगंज के गांव सुल्तानपुर के कोटेदार की बहन थी। चर्चा है कि परिजन गीता को प्रताड़ित करते थे। युवती की हत्या के मामले में पुलिस को उसके पति व पुत्र पर संदेह है अरुण ने पुलिस हिरासत में मीडिया को बताया की रात में जब बेटी रोई तब पता चला कि गीता घर में नहीं है। जब काफी देर तक गीता वापस नहीं आई तब उसको तलाश किया।
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