गांव में बाढ़ आयी है !
सुना सबने है, पढ़ा भी सबने है… महसूस बहुत कम लोगो ने किया है..
शिवेंद्र मोहन मिश्रा द्वारा अभी हाल ही बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री वितरण के दौरान गंगापार क्षेत्र के गांवों में जाना हुआ… हालात कहने और पढ़ने से कई ज्यादा बद्तर है…
बिना बिजली के जहां हम लोग कुछ घंटे व्यतीत नही कर पाते वो लोग एक महीने से अधिक समय से वो समय काट रहे है सिर्फ इस आस में की जल्दी ही सब ठीक हो जाएगा..
खाने को अनाज नही है , करने को काम नही है… यहां तक रहने को घर नही बचे तो वो सड़को पर तंबू लगाकर रहने लगे पर आज की स्तिथि ये है की गांवों से काफी दूर तक की सड़कें जलमग्न हो चुकी है ।
किसी दुर्घटना होने या किसी के बीमार होने जैसे आपातकालीन स्थिति में उनके पास इतना वक्त भी नही है की वो नाव से बैठकर सड़क और सड़क से शहर आ सके । बात सिर्फ गांव की कच्ची सड़को या पखडंडी की नही मुख्य पक्की सड़कें तक जलमग्न है ।
सड़क, खेत, तालाब, नदी सब एक हो चुके है ,
स्थिति बहुत ज्यादा भयभीत है अनेक लोगो की जाने जा चुकी है ।
शायद हमेशा बाढ़ ऐसे ही आती थी या हमेशा ही ऐसी स्तिथि रहती होगी हम नही जानते हमने पहली बार क्षेत्र में जाकर उनकी उदास आंखो और दर्द को महसूस किया है ।
ईश्वर से प्रार्थना है जल्दी ही सब ठीक हो…
आप सभी लोगो से अनुरोध है अपने स्तर से जितना हो सके उनकी मदद करने का प्रयास करे ।
इस नाव में चार कुंतल आटा लगा है और राशन सामग्री भी रखी है और इसी नाव पर बैठकर गांव-गांव जाकर राशन को बांट रहा हूं फोटो और वीडियो में देखकर जिनको यह काम आसान लग रहा है वह हमारे साथ कभी चल सकते हैं
अधिकांश गांव तो पलायन पर मजबूर हो चुके हैं वहां की स्थिति को जानकर जो लोग सड़क के किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं जानवर खुले में बने हुए हैं मैं उनके लिए भी व्यवस्था करूँगा। 
शिवेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया सोशल मीडिया मित्र द्वारा ड्रोन कैमरे से तस्वीर को क्लिक किया गया है ड्रोन कैमरा इसलिए साथ रखते हैं अगर डूब गए तो घर वालों तक खबर पहुंच जाएगी!
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आप सभी सोशल मीडिया मित्रों के सहयोग से ही बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहा हूं आप सभी सहयोग करें।
शिवेंद्र मोहन मिश्रा एडवोकेट
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