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जनपद बदायूं से
जनपद बदायूं क्षेत्र के गांव रमजानपुर में प्रतिबंधित लकड़ी का कारोबार जोरों पर है लकड़ी माफिया दिन हो या रात हरे हरे भरे वृक्षों पर आरा चलवाते हैं लकड़ी माफिया सरवर अली व सद्दाम अपने फड़ पर प्रतिबंधित लकड़ी खरीदते व कटवाते हैं इन लोगों पर वन विभाग पूरी तरह से मेहरबान है। प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों में आम, नीम, शीशम, पीपल, बरगद के पेड़ शामिल हैं।
अपवाद को छोड़कर इनके हरे वृक्ष काटे जाने पर पाबंदी है। उस प्रतिबंधित श्रेणी के वृक्षों में शीशम, कटहल सहित 21 तरह पेड़ शामिल हैं। तीसरी श्रेणी के वृक्षों को काटने पर छूट है। इनमें बबूल, यूकेलिप्टस, पापुलर, बेवर, जामुन के पेड़ों की गिनती है। परंतु प्रत्येक काटे गये वृक्ष के स्थान पर वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 में उल्लेखनीय है प्रावधानों के अनुसार दो वृक्षों को रोपित करने व उनकी देखरेख के लिये वृक्ष काटने की अनुमति लेने वाला व्यक्ति ही बाध्य होगा। 
लकड़ी व अन्य वन उपज नियमावली 1978 के प्रावधानों के अंतर्गत सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की व्यवस्था है लेकिन जनपद बदायूं क्षेत्र में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। अब देखना यह है कि क्या कार्यवाही की जाती है
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