फर्रूखाबाद। तीसरे दिन भी पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष अरविंद शुक्ला को खनन माफिया द्वारा ट्रेक्टर से कुचलकर जान से मारने की मिली धमकी का नहीं लिखा जा सका मुकदमा, पत्रकार अरविंद शुक्ला के साथ हो सकती है कोई भी अनहोनी घटना मुकदमा दर्ज न होने से पत्रकारों में रोस व्याप्त खनन माफिया समरजीत कटियार की तरफ से आई धमकी चुप चाप घर बैठ जाओ अन्यथा ठीक नहीं होगा । अन्यथा की स्थिति में अंजाम भुगतने को तैयार रहो । उसके बावजूद जनपद फर्रुखाबाद का पुलिस प्रशासन तमाशबीन बन तमाशा देख रहा है। जिससे खनन माफिया समरजीत कटियार के हौंसले दिन व दिन बढ़ते जा रहे हैं। और लगातार पत्रकार को धमकी दे रहा है। पत्रकार अरविन्द शुक्ला ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मुझे बराबर खनन माफिया समरजीत कटियार द्वारा अंजाम भुगतने की धमकी मिल रही है। और जनपद फर्रुखाबाद की पुलिस खनन माफिया समरजीत कटियार से मिली हुई है, अगर हमारे साथ किसी भी तरह की अनहोनी घटना घटित होती है
तो खनन माफिया समरजीत कटियार अकेले दोषी नहीं होगा जनपद फर्रुखाबाद की पुलिस भी बराबर की दोषी होगी। अरविंद शुक्ला ने पुलिस प्रशासन द्वारा ढुलमुल रवैया अपनाए जाने को लेकर आक्रोश जताते हुए साफ साफ शब्दों में आरोप लगाया कि अगर हमारी हत्या हो जाती है तो कादरीगेट थाना प्रभारी आमोद कुमार, पांचाल घाट चौकी प्रभारी मोहित मिश्रा सहित पुलिस अधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। शुक्ला का कहना है कि मैने इस बात को वाकायदा लिख कर अपने परिजनों को भी दे दिया है। जिससे घटना घटित होने पर इनको बख्शा नहीं जाएगा। उनका कहना है कि आज जब हमारे साथ पुलिस इस तरह उदासीन रवैया अपना रही है तो आम जनमानस के साथ पुलिस प्रशासन का रवैया कैसा रहता होगा। अरविंद शुक्ला का यह भी कहना है कि प्रदेश में यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुले तौर पर प्रदेश के सरकारी अमले को चेतावनी दे रख्खी है कि प्रदेश में माफियाओं के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए, माफिया चाहें भू माफिया हो या खनन माफिया किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा और जिस जनपद से किसी अधिकारी की फोन न उठाने की शिकायत मिली तो वहां के अधिकारियों को बक्शा नहीं जाएगा ।और उनपर भी कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तमाम चेतावनी फर्रुखाबाद जनपद पहुंचते पहुंचते दम तोड देती हैं। क्योंकि जनपद फर्रुखाबाद के पुलिस प्रशासन का अपना ही संविधान है, जिन्हें न सरकार के मुखिया का खौफ और न ही अपने मुखिया डी जी पी का क्योंकि प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ और पुलिस प्रशासन के मुखिया राजीव कृष्णद्वारा पुलिस प्रशासन को सीधे तौर पर निर्देश हैं कि पत्रकारों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए लेकिन जनपद फर्रुखाबाद की पुलिस अपने अधिकारियों के फरमानों को भी हवा में उड़ाने का कार्य करती साफ देखी जा सकती है।