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तत्कालीन तहसीलदार सहित तीन पर धोखाधड़ी का मुकदमा

न्यायालय के आदेश पर अमृतपुर पुलिस सक्रिय, खतौनी में फर्जी नाम चढ़वाने का आरोप गहराया

अमृतपुर (फर्रुखाबाद)।

भूमि अभिलेखों में फर्जी तरीके से नाम दर्ज कराने के सनसनीखेज प्रकरण में तत्कालीन तहसीलदार सहित तीन लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किए जाने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। न्यायालय के आदेश के बाद अमृतपुर थाना पुलिस ने आरोपी तहसीलदार व दंपती के खिलाफ गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच तेज कर दी है। ग्रामीणों में इस पूरे प्रकरण को लेकर तीखी चर्चा है, वहीं वादी ने इसे वर्षों से चला आ रहा जमीनी हेरफेर का बड़ा उदाहरण बताया है।

रजिस्टर्ड वसीयत के बावजूद साजिश रचकर किया दावा—वादी

वादी सावित्री देवी उर्फ गुड्डी देवी, मूल निवासी महमदपुर गढ़िया, वर्तमान निवासी वाजिदपुर बोलिया (एटा), ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया कि उनके पिता जोगराज सिंह का निधन 1 दिसंबर 2003 को हो गया था। मृत्यु से पूर्व उन्होंने अपनी पूरी भूमि की रजिस्टर्ड वसीयत उनके नाम कर दी थी। इस आधार पर वादी का दावा था कि खेत एवं भूमि पर उनका पूर्ण अधिकार है।

लेकिन आरोप है कि गांव के ही रामबाबू व उनकी पत्नी मंजेश देवी ने कथित रूप से तत्कालीन तहसीलदार कर्मवीर सिंह से साठगांठ कर अभिलेखों में हेरफेर की। वादी का आरोप है कि पूरी तरह ‘कूटरचित प्रक्रिया’ अपनाते हुए 14 फरवरी 2025 को खतौनी में आरोपी दंपती का नाम दर्ज करवा दिया गया।

न्यायालय ने माना वादी का पक्ष, पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश

वादी के आवेदन पर नियमित कार्यवाही न होने से मामला न्यायालय पहुंचा। अदालत ने तथ्यों पर विचार करते हुए अमृतपुर पुलिस को आरोपी तहसीलदार व दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। आदेश के अनुपालन में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा पंजीकृत कर लिया।

थाना प्रभारी बोले—जांच में तथ्य छुपाए नहीं जाएंगे

थाना प्रभारी रवि सोलंकी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर दिया गया है और मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि खतौनी, अभिलेखों, वसीयत व अन्य दस्तावेजों को जांच में शामिल किया जाएगा, तथा दोषी पाए जाने पर किसी भी स्तर के व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

गांव में चर्चा—क्या और भी नाम उजागर होंगे?

घटना सामने आने के बाद महमदपुर गढ़िया सहित आसपास के गांवों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह के मामलों में अक्सर सरकारी अभिलेखों में धांधली कर जमीन हड़पने की कोशिश की जाती है, लेकिन कम ही मामलों में पीड़ित न्यायालय तक पहुंच पाते हैं। अब जांच में यह भी देखा जाएगा कि खतौनी में नाम चढ़ाने के दौरान और किन अधिकारियों या कर्मचारियों की भूमिका रही।

वादी की मांग—जल्द से जल्द बहाली व दोषियों की गिरफ्तारी

सावित्री देवी ने प्रशासन से मांग की है कि उनकी पैतृक भूमि पर अवैध रूप से किए गए नामांतरण को तत्काल निरस्त कर उनके नाम बहाल किया जाए तथा आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।

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