*संचारी रोग नियंत्रण विशेष अभियान के अंतर्गत चूहे और छछूंदर से फैलने वाले रोग को सावधानियों तथा नियंत्रण के कृषि रक्षा अधिकारी द्वारा प्रेषित उपाय*
चीफ एडिटर केशराम राजपूत की रिपोर्ट
चूहे फसलों को बुवाई से लेकर अन्न भंडारण तक किसी ना किसी तरह से नुकसान पहुंचाते रहे हैं इनके नियंत्रण के लिए समय-समय पर आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं चूहे फसल के अलावा हमारे दैनिक उपयोग की वस्तुओं को भी उतर कुतर कर क्षतिग्रस्त करते हैं इसके अलावा चूहे छछूंदर अनेक प्रकार के रोगों को फैलाने के लिए हानि कारक का भी काम करते हैं जो निम्न बताएं है
*रोडेन्टस रकम टाइफरा*
यह बीमारी चूहों के वालों व कानों में पाए जाने वाले पिस्सू से होती है जो स्क्रब टायफस और ओरिएटिया नामक बैक्टीरिया के कारण फैलती है यह संक्रमित लारवा माइटस कीट के कटने से इंसानो में फैलती है इस संक्रमित कीट के कटने के 10 दिन के अंदर लक्षण नजर आने लगते हैं शरीर पर कटी हुई जगह पर चकत्ते बन जाते हैं और पपड़ी भी पड़ सकती है रोगी को बुखार और ठंड लगने के साथ सिरदर्द शरीर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या हो जाती है रोग की गंभीर स्थिति में आगे के खराब होने और रक्तचाप की भी दिक्कत हो सकती है लक्षण प्रकट होते ही रोगी को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए
*लेप्टोस्पायरोसिस* लेप्टोस्पायरोसिस को रेट फीवर के नाम से भी जाना जाता है एक लेप्टोस्पाइरा जीवाणु संक्रमण है जो का फायदा वर्क एरिया के कारण होता है यह जीवाणु पानी और गीले मैदान में पनपते हैं जो रोडेट चोको चूहों का संपर्क होता हैं और संक्रमित हुए चूहे/छछूंदर जहां पर भी मूत्र करते हैं और उस स्थान पर जिसे भी संपर्क होता है संक्रमण का शिकार हो जाता है संक्रमण एकत्रित जानवर के मूत्र से कोई भी जानवर से उसके ऊतक के माध्यम से सकता है यह बैक्टीरिया कटी त्वचा मुंहतक या आंखें और दूषित पानी पीने से फैलता है इसके अलावा दूषित मिट्टी की जड़ जलभराव के पानी आदि के संपर्क में आने से इस बीमारियां के फैलने की अधिक संभावना रहती है बरसात के दिनों में यह रोग अधिक तेजी से फैलता है इस रोग के लक्षणों को ठंड लगना तेज बुखार सिर दर्द बदन दर्द लाल आंखें उल्टी-दस्त आदि होते हैं रोगी को लक्षण प्रतीत होते ही तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए
अतः चूहे /छछूंदर हमारे जीवन को हर तरह से खतरे में डालते हैं इनका नियंत्रण करना नितांत आवश्यक है इसके लिए प्रत्येक कृषक गैर कृषक को एक साथ मिलकर 6 दिवसीय अभियान चलाकर चूहों को नियंत्रित किया जा सकता है
*प्रथम दिन* आवासीय गणों का निरीक्षण एवं विलोम को बंद करते हुए चिन्हित करें या झंडे लगाओ
*दूसरे दिन* घर का निरीक्षण कर जो बिल बंद हो वहां से झंडे हटा दें और जहां पर बिल खुले पाये वहां पर चिन्ह लगे रहने दे खुले बिल में एक भाग सरसों का तेल एवं 48 भाग भुने दाने का चारा बिना जहर मिला है बिल में रखें बिना जहर मिलाएं और बिल में रखें
*तीसरे दिन* बिल्लो का निरीक्षण कर बिना जहर का चारा पुना रखता है
*चौथे दिन* जिंक फास्फाइड 80% की एक मात्रा को 1 ग्राम सरसों के तेल एवं 48 गुने दाने हिसाब से बनाए गए चारों को मिलाकर बिलों में रखें
*पांचवें दिन* बिलों का निरीक्षण करें एवं मरे हुए क्यों को एकत्र कर जमीन में गाड़ दें
*छठे दिन* बिलो को पुनः जांच करें तथा अगले दिन यदि बिल खुले पाए जाएं जो सप्ताह कार्यक्रम पुनः अपनाएं