फर्रुखाबाद संवाददाता
*सवासी पंचायत भवन को बना दिया गल्ला मंडी*
अमृतपुर फर्रुखाबाद 1 मई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं। स्कूलों का निर्माण कराया गया सड़क बनवाई गई बिजली की व्यवस्था चुस्त की गई और सभी ग्राम पंचायतो में पानी की टंकियां बनवाई गई जो की सफेद हाथी साबित हो रही है। लेकिन इन्हीं ग्राम पंचायतो में सचिवों को ठहरने के लिए बेहतरीन पंचायत भवन लाखों रुपए की लागत से बनवाए गए जो कि आज धूल फ़ाक रहे हैं। ना तो इन पंचायत भवनों में कोई पंचायत सचिव ठहरता है और ना ही इनके ताले खुलते हैं और ना ही यहां पर किसी प्रकार की सुविधा ग्रामीणों को दी जाती है। विकासखंड राजेपुर के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतें अब पिछड़ती जा रही है और उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ग्राम विकास अधिकारी ना तो समय से पहुंचते हैं
और ना ही इन ग्राम पंचायत के बारे में कुछ नया करने का विचार ही करते हैं। राजेपुर विकासखंड में प्रत्येक हफ्ते ग्राम पंचायत अधिकारियों की मीटिंग बुलाई जाती है। और कागजी करनामें पूरे किए जाते हैं। ग्राम पंचायत सवासी के भवन की स्थिति इतनी दयनीय है कि यहां पंचायत भवन को गल्ला मंडी बना दिया गया है। ग्रामीणों का कई एक हजारों कुंतल के रूप में ग्राम पंचायत सवासी की पंचायत भवन के अंदर पड़ा हुआ है। पंचायत सहायक भी नहीं आ रहा है।और इस पंचायत भवन पर इन लोगों ने पूर्ण रूप से कब्जा कर रखा है। यहां के प्रधान प्रदीप कुशवाहा का कहना है कि यह गेहूं ग्रामीणों का पड़ा है। कुछ समय के बाद वह इसे उठा लेंगे। यही हाल ग्राम पंचायत तेरा अकबरपुर का है। जिसके अंदर और बाहर बालू के ढेर लगे हुए हैं। कार्य अधूरा है। इसके बारे में ग्राम प्रधान और सचिव लगातार सुस्ती दिखा रहे हैं। लापरवाही के चलते निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। ऐसी स्थिति ग्राम पंचायत आंतर के पंचायत भवन की भी है। यहां पर हमेशा ताला लटका रहता है। अगर यहां के लर्निंग पॉइंट में कोई ग्रामीण अपना कार्य कराना चाहे तो उसे वापस लौटना पड़ता है। यहां के पंचायत सहायक इस समय अपने खेतों में कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब वह फुर्सत में होंगे तभी ताला खोल पाएंगे। विकासखंड के पंचायत भवनों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। ग्राम पंचायत कहडर के पंचायत भवन में भी ताला लटक कर अपनी शोभा बढ़ा रहा है। ग्राम पंचायत महमदगंज भी इन सब बातों से दूर नहीं है।
ताले और दबंगों के कब्जे को लेकर जब एडीओ पंचायत अजीत पाठक से इस बारे में जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। अब इसकी जांच कराई जाएगी और अगर ऐसा कुछ पाया जाता है तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।
खंड विकास अधिकारी से संपर्क किया लेकिन उनका फोन किसी कारण वश रिसीव नहीं हो सका।
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