संवाददाता अधिवक्ता धर्मेंद्र राजपूत की रिपोर्ट
जनपद फर्रुखाबाद में अमृतपुर थाना प्रभारी मुकदमा लिखने में जनपद में शायद प्रथम स्थान हासिल किया हुआ है। थाना अमृतपुर में न्याय कैसे मिलता है ये पूरा थाना क्षेत्र की जनता जनार्दन को अच्छी तरह से मालूम है यहां मामूली कहासुनी पर भी बेझिझक जी डी का पन्ना स्तेमाल होता है। मामले तो शायद ठीक से जाँच तो अनगिनत ऐसे मिल जाएंगे जिन्हें थाना स्तर पर ही निपटाया जा सकता है जैसे कोई परिवारिक मामूली तू तू मैं मैं हो जाती है उसमें हिदायत देकर मौके पर ही निपटाया जा सकता है लेकिन थाना प्रभारी अमृतपुर का पुलिसिंग स्टाइल जरा हट कर है। परिवारिक मामूली तू तू मैं मैं भी होती है तो तुरन्त मुकदमा पंजीकृत हो जाता है जिससे गरीब मजलूम परिवारों को आर्थिक व मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। अभी एक ताजा मामला प्रकाश में आया है थाना अमृतपुर क्षेत्र के गांव वजीरपुर में देवरानी जेठानी में किसी बात को लेकर मामूली कहासुनी हो गई थी जिसमें मौके पर थाना पुलिस ने मौके पर पहुंची उन्होंने स्थानीय स्तर पर परिवार व गांव के कुछ भले लोगों द्वारा आपस में समझौता करवा दिया था। लिखित समझौते में एक महिला के गिर जाने से कान में मामूली चोट लगी थी उस महिला को दो हजार रुपए इलाज हेतु दिए गए यह घटना 13 /9/25 की है मामूली चोटिल महिला ने कस्बा राजपुर में चिकित्सक रामप्रकाश से अपना इलाज कराया चिकित्सक रामप्रकाश द्वारा बताया गया कि इलाज में लगभग 13 सौ रुपए खर्च हुए महिला ठीक हो गई थी। चोटिल हुए महिला ठीक होने के बावजूद उसने कहासुनी वाली महिला से 5 हजार रुपए की और माँग करने लगी जिसकी सूचना महिला ने समझौता कराने वाले पंच लालाराम, दाताराम, आदेश आदि को दी कि समझौता के बावजूद ये महिला और रुपए मांग रही है तो पंचों ने चोटिल हुई महिला को समझाया बुझाया मामला शांत हो गया। उसके बाद चोटिल हुई महिला थाना अमृतपुर 26 सितंबर 25 को थाना प्रभारी से मिलकर उसने प्रार्थना पत्र दिया बिना समय गंवाए उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली , थाना प्रभारी ने इस मामले में समझौता कराने वाले अपने अधिनस्य थाना पुलिस से भी यह जानने की कतई जरूरत नहीं समझी कि समझौता कराने में क्या बात हुई थी। अब पीड़ित महिला व उसके पति राघवेन्द्र के विरुद्ध मारपीट और जान से मारने की धमकी का मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पीड़ित महिला अपने पति राघवेन्द्र के साथ पुलिस अधीक्षक आरती सिंह को प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई कि लिखे गए मुकदमे की निष्पक्ष जांच कराना न्याय हित में होगा। वहीं एक प्रार्थना पत्र मुख्यमंत्री को भी भेजकर न्याय की गुहार लगाई है अब देखना यह है कि पीड़ित को न्याय मिल पाता है या अपनी ढपली अपना राग वाली कहावत चरितार्थ होती है।