बदायूं से
करवान-ए-अमजद अकादमी के तत्वाधान में न्यू एक्सपर्ट कोचिंग सेंटर, शिवपुरम में बदायूं गौरव क्लब के सचिव एवं अखिल भारतीय ब्राह्मण युवा महासभा के अध्यक्ष कवि पं अमन मयंक शर्मा के दिवंगत पिताजी वरिष्ठ समजसेवी स्वर्गीय दिनेश चंद्र शर्मा को श्रदांजलि स्वरुप दिनेश शर्मा जी को समर्पित काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार शमशेर बहादुर आंचल ने की। मुख्य अतिथि नगर विधायक एवं पूर्व नगर विकास मंत्री महेश गुप्ता और विशिष्ठ अतिथि पूर्व विधायक धर्मेंद्र शाक्य उर्फ पप्पू भैया रहे।

सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा मां सरस्वती और स्वर्गीय दिनेश शर्मा के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गये।उपस्थित सभी लोगों ने पुष्प अर्पित कर स्वर्गीय दिनेश शर्मा को श्रदांजलि दी। तदोपरांत राजवीर सिंह ‘तरंग’ ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। कार्यक्रम अध्यक्ष आदरणीय शमशेर बहादुर आंचल जी ने कहा-कोई किसी को घूरा करता या तकता है तकने दे, तू अपना फ़न जारी रख वो बकता है बकने दे। संस्था अध्यक्ष वरिष्ठ शायर अहमद अमजदी बदायूॅनी ने कहा-ग़म ज़दा हो नहीं सकते कभी जज़्बात से हम,
खूब वाक़िफ़ हैं ज़माने तिरे हालत से हम।
डा०अरविन्द धवल जी ने कहा-
हमको लेकर माँ से उनका कब-कब द्वंद विवाद हुआ,
हम कब जान सके हैं उनको कब कितना अवसाद हुआ। माँ के तो आंसू उसका दुख दर्द बयां कर देते हैं, बाप की चुप्पी और हंसी का बोलो कब अनुवाद हुआ। खैरी बिल्सी से तशरीफ़ लाए जनाब क़ासिम साहब ने फ़रमाया-बिस्तर शिकन आलूद भी इतना नहीं होता बीमार अगर दर्द से तड़पा नहीं होता।
मोहतरम शम्स मुजाहिदी ने कहा-
है यक़ी रब को पसंद आयेगा ये काम फिर किसी उजड़े हुए घर को बसाया जाए,खत्म हो सकता है इक पल में ग़मों का रोना
एक रोते हुए बच्चे को हंसाया जाए।
कार्यक्रम संयोजक राजवीर सिंह तरंग ने कहा-दर्द सहता है मुस्कुराता है,नाज़ सबके मगर उठाता है। ज़िम्मेदारी से भागता ही नहीं, फ़र्ज़ अपना पिता निभाता है। कवित्री दीप्ति सक्सेना दीप ने कहा तापस में दिन झुलस रहे सूख रही तरूणाई,विरह ताप से व्याकुल घूमूँ ढूंढं मै परछाई।
पंडित अमन शर्मा ने अपने पिता को श्रद्धांजलि स्वरूप चार पंक्तियाँ समपिऺत करते हुए कहा-
जब याद तुम्हारी आती है आॕंखों से आॕसू बहते हैं। इस दुख को केवल मै ही नहीं मम्मी भयया भी सहते हैं। इतनी सी गुज़ारिश है मेरी पापा को स्वर्ग अता करना-
ऐ भोले बाबा भंडारी हम हाथ जोड़ यह कहते हैं।
सहसवान से तशरीफ़ लाए नौजवान शायर अज़हर अहमद ने कहा-ग़ज़ल को एक मदावात ए ज़िन्दगी के लिए,जिगर का दर्द भी ज़रूरी है शायरी के लिए।
युवा कवि अचिन मासूम ने कहा-
प्रेम की मूर्ति को नमन है मेरा उस अमिट कीर्ति को नमन है मेरा,
शांति सदभाव की जो निशानी रहे सत्य के सारथी को नमन है मेरा। युवा शायर कवि मोहित मधुर ने कहा-य् कोई शिकारी जैसे एक परिंदा देखता तू पागल हो जाता गर वो बंदा देखता।
इसके अलावा षटबंधन शंखधारने भगवन राम पर गीत पड़ा।मुख्य अथिति महेश चंद्र गुप्ता ने कहा कि अपने पिता को समर्पित कार्यक्रम प्रत्येक पुत्र को करना चाहिए व विशिष्ट अथिति पूर्व विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने कहा कि स्वर्गीय दिनेश शर्मा ने अपने सम्पूर्ण जीवनकाल् में साहित्य, संस्कृति और समाज को समर्पित अनेक कार्यक्रमों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन् किया।बदायूं गौरव क्लब के सचिव युवा साहित्यकार एवं कवि अमन मयंक शर्मा ने कहा कि वाह अपने पिता जी की याद में उनको श्रदांजलि स्वरुप समाज, साहित्य एवं संस्कृति को समर्पित कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करते रहेंगे। संजीव गुप्ता, गौरव पाठक, कनिष्का सिंह, पारस सिंह, रोहित कुमार आदि श्रोताओं ने कवि गोष्ठी का अंत तक आनंद लिया। अंत में अकादमी के सचिव राजवीर सिंह ‘तरंग’ ने अतिथियों के साथ साथ सभी कवि और शायरों का आभार व्यक्त किया।
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